सिमडेगा:जिला मुख्यालय सहित कई जगह में रविवार की रात 10:30 बजे के लगभग होलिका दहन से पूर्व रविवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं के द्वारा होलिका माता और प्रहलाद जी की पूजा की गयी। होलिकादहन स्थल पर डांडा स्थापित किया गया । भक्त प्रहलाद का प्रतीक स्थापना की गई है। इधर मारवाड़ी समाज की महिलाएं अपनी पारंपरिक वेशभूषा में पूजा की। पूजा के क्रम में महिलाओ ने दहन स्थल की परिक्रमा करते हुए डांडा के चारों ओर गोबर से बने बिटकुले डाला। कई अन्य लोगों ने भी पूरे श्रद्घापूर्वक पूजा-अर्चना की। जानकारी देते हुए आचार्य वासुदेव गौतम के द्वारा बताया गया कि हमारा सनातन समाज हमेशा सभी पर्व एवं त्योहार को सामूहिक रूप से मानता है और हर ऋतु के अनुसार हमारा त्यौहार आता है इसी प्रकार होली का पर्व है जिसे हम सभी आपसी भाईचारे और एकता के साथ मनाते हैं। उन्होंने कहा कि होलिका दहन का विशेष महत्व है कि अपने अंदर की छुपी बुराइयों को भस्म करते हुए अच्छाइयों को जन्म देकर सभी लोगों को आपसी प्रेम बंटनी चाहिए। इस मौके पर काफी संख्या में महिलाएं मौजूद रहे जहां पर विधि विधान के साथ पूजन किया।
